मेरी बेटी
कभी मत झाँकना
गहरे काले कुँए में
(काले दिल वाले लोगों के दिलों में भी, पर पता कैसे चलेगा?
मैं बता दूंगा
चल जाता है
उतर जाता है रंग
कुछ दिनों में)
कभी मत पहनना
काले कपड़े
ओर ऐसे भी की
असहज लगे ख़ुद को भी
ओर बहुत बारीक कपड़े भी
ओर दूर रहना
बिना वजह
गिफ्ट चॉकलेट ओर फूल
देने वाले लोगों से भी
हमेशा पूछना की क्यों
ओर जब वो कहे ऐसे ही
तो मत लेना
100 सवाल पूछना
तभी लेना जब कन्विंस कर पाए
जो पहली नजर में अच्छा लगे उससे भी
मेरी बेटी मत करना बात
जो पिज़्ज़ा
मैक्रोनी की बात करता हो
कॉफ़ी की बात करता हो
हाँ
रोटी और emi की बात
ओर बोरिंग बात करने वाले से ही करना बात
जाना
पर उस ओर कभी मत जाना
जिधर खड़े हों
काले-काले कुत्ते
सुवर, सांप
ओर आ रही हो बदबू
(ओर मैं उस बदबू की बात नही कर रहा
जो सूंघने से आ जाती है)
लाल ओर सफेद फूल
हरा पत्ता
कभी मत तोड़ना
(किसी का देखा हुआ सपना भी
ओर ना सपने पे हंसने को बोल रहा)
और अगर तोड़ना तो ऐसे
कि पेड़ को बेल को ज़रा भी
न हो कष्ट
ओर पेड़ को बात देना की क्यों तोड़ा
ओर अगर वो कन्विंस हो जाये तभी तोड़ना
दिल भी तोड़ना तो बता कर
की क्यों तोड़ा
मेरी बेटी
रात को रोटी का टुकड़ा
जब भी तोड़ना
सब्जी में, दाल में भिगोने के लिए
तो पहले हाथ जोड़कर
कर लेना याद उस आदमी को
जिसने सबसे पहले
बताया होगा कि यही खाना है
ओर उस औरत को भी जो
बना रही है पसीने में भीगकर रोटी
ओर उसको भी, जो भीगी हुई है
सुनकर बॉस की गालियाँ
(जो रोज पड़ने पर गालियां नही लगती)
मेरी बेटी
अगर कभी घर में लाल चींटियाँ
दिखाई पड़ें किचन में
तो भगाना मत उनको
तो समझना
बेइंतहा पैसा आने वाला है
चारों तरफ से
अगर कई-कई रातों तक
कभी ना आये नींद
तो मुझे जरूर बताना बात
ओर सो जाना
पर कभी ये मत सोचना की
बुरे दिन आने वाले हैं
ओर कोई नही है तुम्हारे साथ
मेरी बेटी
पहाड़ पर चढ़कर कभी मत गिरना
(पहाड़ मतलब? मतबल जब जेब भर जाएं, पेट भर जाए, ओर आदमी को आदमी समझना बंद कर दो)
और कभी गिर भी पड़ो
तो घास की तरह उठने के लिए
(घास मतलब? Down to earth)
हमेशा रहना रेडी
मेरी बेटी
कभी अकेले फंस जाना अगर अँधेरे में
अगर भूल जाना रास्ता
तो गूगल मैप पर नहीं
सिर्फ़ बहुत दूर से आनेवाली
कुत्तों के भोकने की आवाज़ पर
भरोसा करना ओर मुझे याद करना
स्कूल की छत से कूद मत जाना
मेरी बेटी
अगर होमवर्क ना हो
अगर एग्जाम की तैयारी ठीक से ना हो
अगर स्कूल में कोई परेसानी हो
तो बताना जरूर
और सबसे बड़ी बात मेरी बेटी
कि सुन चुकने के बाद
दिन भर सबकी कड़वी बातें
उन चुभने वाले शब्दों को
पोंछकर साफ़ कर देना
ताकि कल जब फिर से दिन निकले
सुबह हो
तो तुम्हारा मन
नया,
धुला हुआ, खुशबूदार
स्वच्छ
ओर चमकता मिले
ओर चेहरे पर मुस्कान
इतनी प्यारी की
आस पास महक जाए खुश्बू
ओर खिल उठें फूल
जो बस इसी बात का कर रहे थे wait
ओर चाय जरूर पिलाना बनाकर मुझे
जब बड़ी हो जाना
पर इतनी बड़ी कभी ना होना
की मैं जब रोना चाहूँ गले लगकर तुम्हारे
तो मुझे लगानी पड़े सीढ़ी