चोराहे पर
किसी का मिलना
और फिर ढूंढ़ना उसको उसी टाइम रोज
पता नही क्यूँ और सिर्फ़ ढूँढना उससे ज्यादा कुछ नही
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सड़क पर
बारिश में
फ़ोन स्विच ऑफ़ करके
रात को
जाना दूर तक साथ साथ
और वापस आना अकेले पत्थरों में मारते हुए ठोकर
और देते हुए गाली स्ट्रीट लाइट के खम्बो को , सो रहे कुत्तों को
और कहना ख़ुद से की
कोई इतना पत्थर दिल कैसे हो सकता है
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जेब में
रखना एक कागज का कुछ लिख के मिटाया हुआ टुकडा
और सिर्फ़ रखना
और कहना की वो समझती क्यूँ नही
या उसे दीखता क्यूँ नही
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करना उससे hi हेल्लो जैसी बात
या hi हेल्लो से मिलती जुलती बात
वही की वही बात
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कॉलेज में बनाना उसका assignment
और खुश होते रहना बिनामतलब
४ सालों तक
पर फिर भर देना उसकी slam बुक आखरी दिन
और लिख देना आख़िर में
keep in touch
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रात को
3:40
पे देना
मिस कॉल
और सोचना
की सीने में जो दर्द जमा है
उसको डिटेक्ट करने की
कोई मशीन नही बनाई जाती क्या
पढ़े लिखे लोगो पर
वो हवा में 8 बनाने को कहती है
वो हवा में 8 बनाने को कहती है
मै कहता हूँ की पहले घर बनाना है
अपना घर "हमारा घर"
वो कहती है की घर बनाने के लिए जिंदगी पड़ी है पर 8 बनाने की एक उमर होती है
अगर अभी नही बना पाए बच्चू तो जिंदगी भर पछताते रह जाओगे
उसकी बात में दम है
पर मै भी ग़लत नही
आने वाले सालों में बहुत कुछ करना है
पहली बार जब दिल टूटता है तो बहुत हो हल्ला मचता है
सबको पता चल जाता है की दिल टूटा है
दूसरी बार ऐसा नही होता ..
जैसे पेड़ से सुखा पत्ता गिरता है न बस इतना सा शोर होता है
टिक से भी कम ..
किसी को पता नही चलता ...
उसके बाद बस किसी दुकान पे खड़े रहो और कुछ खरीदो मत
मॉल में घूमते रहो यूँ ही
हँसते रहो रोने वाली बातों पर
और कभी की हँसने वाली बातों पर रोते रहो
लोगो को ping करते रहो
पूछते रहो हाल चाल
बस "i am sorry" और "it's ok"
जब 1 साल 9 महीने और २० दिनों बाद भी
कहने वाली बात न कही जा सकने वाली बनी रहे
रोज की बाते
इधर उधर की बातें
दुनिया भर की बातें
"level of comfort" , intimacy की बात
और भी न जाने कितनी न समझ आने वाली बातें
पर वो बात नही जो करनी है सीधी बात
सच्ची बात
फ़ोन रख देने के बाद कही जाने वाली बात
वो कहती है की इन चीजों में टाइम लगता है
मै पूछता हूँ कितना
वो कहती है डिनर किया तुमने
मै कहता हूँ नही
वो कहती है कर लो
मै कहता हूँ ok
देखते हैं क्या होता है
मै कहता हूँ की पहले घर बनाना है
अपना घर "हमारा घर"
वो कहती है की घर बनाने के लिए जिंदगी पड़ी है पर 8 बनाने की एक उमर होती है
अगर अभी नही बना पाए बच्चू तो जिंदगी भर पछताते रह जाओगे
उसकी बात में दम है
पर मै भी ग़लत नही
आने वाले सालों में बहुत कुछ करना है
पहली बार जब दिल टूटता है तो बहुत हो हल्ला मचता है
सबको पता चल जाता है की दिल टूटा है
दूसरी बार ऐसा नही होता ..
जैसे पेड़ से सुखा पत्ता गिरता है न बस इतना सा शोर होता है
टिक से भी कम ..
किसी को पता नही चलता ...
उसके बाद बस किसी दुकान पे खड़े रहो और कुछ खरीदो मत
मॉल में घूमते रहो यूँ ही
हँसते रहो रोने वाली बातों पर
और कभी की हँसने वाली बातों पर रोते रहो
लोगो को ping करते रहो
पूछते रहो हाल चाल
बस "i am sorry" और "it's ok"
जब 1 साल 9 महीने और २० दिनों बाद भी
कहने वाली बात न कही जा सकने वाली बनी रहे
रोज की बाते
इधर उधर की बातें
दुनिया भर की बातें
"level of comfort" , intimacy की बात
और भी न जाने कितनी न समझ आने वाली बातें
पर वो बात नही जो करनी है सीधी बात
सच्ची बात
फ़ोन रख देने के बाद कही जाने वाली बात
वो कहती है की इन चीजों में टाइम लगता है
मै पूछता हूँ कितना
वो कहती है डिनर किया तुमने
मै कहता हूँ नही
वो कहती है कर लो
मै कहता हूँ ok
देखते हैं क्या होता है
my first poem..
Near the sea walking with you
under the sun n sky is blue
bare foot hand in hand
dark clouds and wet sand
discussing about future love and life
and difference between friend and wife
love is feeling and sweet pain
its little lose n little gain
its on the roof in the rain
sit with me under "that" tree
i can wait when you feel free
lets lips do all the talk
sit with me please don't walk
now you are saying wait wait wait
then you'll say dear its too late
near the sea walking with you
under the sun n sky is blue...
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