ब्लोगिंग ने तुड़वाई शादी

अभी कुछ दिन पहले मेरा एक रिश्ता आया था पूरे ६ महीने बाद
पर बात दूसरे दोर में पहुँचने से पहले ही किसी ने भांजी* मार दी की लड़का
ब्लोगिंग करता है,इसे कुछ काम वाम नही है और अपनी बेटी का भविष्य खतरे में मत डालो
जैसे ब्लॉग्गिंग करना निठल्लेपन की निशानी हो

लोगो को किसी की खुशी देखी नही जाती

खाने का कोई ठिकाना नही है एक टाइम का कही खाता हूँ
दूसरे टाइम कही और

नास्ते में एक सेब खा लिया बस
दिन में ऑफिस में खा लेता हूँ
रात में कभी कही , कभी कही और
कभी केले खा कर ही काम चलाना पड़ता है .रोज नास्ते में सेब खा खा कर पक गया हूँ
हर चीज की एक सीमा होती है . रोज तो कोई रसगुल्ले भी नही खा सकता

अब बस आप लोगो का ही सहारा है
आप ही नैया पार लगवाइये

अंत में

इस्तेहार:
शुशील, घरः कार्य में दक्ष, शुंदर और अल्प्वययी हो, न की जेब खाए
गरमा गरम नाश्ता भी कोई चीज होती है ग़ालिब, कोई कब तक सेब खाए


सांत्वना :
आँखों में पानी है
और दिल में दर्द
कहते हैं लोग की
रोते नही मर्द


खुलासा :
जिनके लिए लिखते थे हम कविता
उनका नाम ना रचना था ना सविता



भांजी: भांजी मारना उसे कहते हैं जब कोई लड़की वालो को ग़लत सलत सिखा कर शादी तुड़वा दे

7 comments:

Neeraj Rohilla said...

हाय हमारी छाती के पर्दे हिल गये ।

हमारा क्या होगा, पढवईया लडका, नौकरी का ठिकाना नहीं, ब्लागिंग भी करता है और ब्लाग पर अपने सारे किस्से (दारू) भी लिख देता है ।

अब समझ में आया कि अभी तक घर में हमारे लिये कोई रिश्ता क्यों नहीं आया ।

वैसे आपके खाने का कोई ठिकाना नहीं वाली बात हमपर भी पूरी तरह लागू होती है ।

सुनील मंथन शर्मा said...

ab hal kya hai janab ka.

ताऊ रामपुरिया said...

नास्ते में एक सेब खा लिया बस
दिन में ऑफिस में खा लेता हूँ
रात में कभी कही , कभी कही और
कभी केले खा कर ही काम चलाना पड़ता है .रोज नास्ते में सेब खा खा कर पक गया हूँ
हर चीज की एक सीमा होती है . रोज तो कोई रसगुल्ले भी नही खा सकता

बहुत बढिया भाई ! एक बार शादी करले फ़िर हमारी तरह कहेगा "रोज तो कोई लट्ठ भी नही खा सकता" ! :)
माफ़ करना भाई ! मजाक की आदत है ! बहुत शानदार लिखा ! आनंद आ गया !

seema gupta said...

खुलासा :
जिनके लिए लिखते थे हम कविता
उनका नाम ना रचना था ना सविता
" whole artical is good, and this one is mind blowing"

Regards

vineeta said...

bahut badhiya likha hai. itna khane ko mil jaaye to dil aur jigar pyaar karne ke kaabil hi nahi bachega. very good.

राज भाटिय़ा said...

भाई बडी दुखी आत्मा लगती है, अरे भाई किस ने कहा था कि इस ब्लोगिंग की जात से बाहर जा कर शादी करो अब भुगतो, अजी किसई ऎसी लडकी से शादी की बात चलाओ जो ब्लोगिंग आप से ज्यादा करती हो, फ़िर तो सुहाग रात भी इन्टर्नेट पर मनाना.
बहुत सुंदर लिखा है आप ने पहली बार आया ओर इतनी लम्बी टिपण्णी छोड कर जा रहा हुं
धन्यवाद

Anonymous said...

kyon shaadi karke marna chahta hai, seb kha aur khush rah dost!

cheers