वक़्त की पगडंडियों पे सपनो का कारवां
सैकडो बार गुस्से मे।जैसे
अपनी भयंकर विवशता की कहानी कह रहा हो
निर्जीव
सुखे कुए की दीवारों से
एक नजर में देखने से लगेगा की कोई हंसी मजाक वाली कविता लिखी गयी है..मगर इसका गूढ़ अर्थ भी निकला जा सकता है.. बढ़िया है..
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एक नजर में देखने से लगेगा की कोई हंसी मजाक वाली कविता लिखी गयी है..
मगर इसका गूढ़ अर्थ भी निकला जा सकता है..
बढ़िया है..
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