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पानी की चट्टान
वक़्त की पगडंडियों पे सपनो का कारवां
उधार
१. रोज पीता हूँ बस जेब खाली होने तक
उधार की तो कभी टॉफियाँ भी नहीं खाई थी.
२. फेसबुक पोस्ट पे लाइक न आने के गम में भी पी लेता हूँ
घाव की गहराई के अनुपात में ग़मजदा होना नहीं सीखा।
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प्रशांत मलिक
मै 80% अच्छा हूँ, ऐसा वो कहती है पर उसकी सारी(कही, अनकही) बातो को सच नहीं माना जा सकता.
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