- कैसी हो
- ठीक ही हूँ
- कल बिना बताये ऑफलाइन क्यूँ हो गई थी
- नेट disconnect हो गया था
- और सुनाओ..
- क्या सुनाऊ
- कुछ भी..
- कुछ नही है सुनाने को..
- चलो भाग चलते हैं सब कुछ छोड़ के ।
- क्या? पागल हो गए हो॥
- हुआ नही हूँ... पहले से ही था
- ऐसा क्यूँ कह रहे हो.
- पागल लोग ही प्यार करते हैं
- अच्छा
- चलो भाग चलते हैं
- are you serious
- yes i am
- कहाँ जाएँगें
- कही भी, चंडीगढ़, झाँसी, जयपुर
- क्या हो गया है आज तुमको
- मन नही लगता अब इन पुरानी चीजों में
- वहाँ क्या नया हो जाएगा..
- सब कुछ तो नया होगा...
- क्या
- सब नया खरीदेंगें हम घर, बर्तन, कपड़े, सब कुछ
- पैसे कहाँ से आएँगे?
- मेरे पास हैं 53000/-
पहले 4-5 दिन किसी होटेल मे रह लेंगे
फिर कोई घर देख लेंगे
नये कपड़े, बर्तन 4 गिलास, 4 कटोरी, 2 थाली , 1 भगोना, 2 बाल्टी, शेविंग कीट .... सब कुछ नया होगा वहाँ
- बस अपनी चीजें सोची तुमने
- तुम्हारी तुम सोचो.. भगोने मे दूध गर्म कर लिया करेंगे.. बस खुश,
- आटा किसमे गुथेंगें?
- ओर भी चीजें लेनी होंगी, टूथ ब्रश, टावल , सोप्स, शैंपू ,किचन का समान, बाथरूम की चीज़ें ,
10000/ मे सब आ जाएगा यार
- फोन भी तो लेने होंगे.
- उसकी कोई ज़रूरत नही है, हमे किसी से बात नही करनी
- पैसे ख़तम हो गये तो?
- टूशन पढ़ाया करेंगे हम
तुम केमिस्ट्री पढाना
1,3-phenylene, -CH2CH2CH2- propane-1,3-diyl, -CH2- methylene।
मै मैथ पढाऊंगा
If sin(4)/a+cos(4)/b=1/a+b, show that sin(8)/a(3)+cos(8)/b(3)=1/{a+b}(3)
- तुम्हारा math वीक है ना..
- तुम्हे कैसे पता?
- बताया था तुमने एक बार...
- क्या क्या याद रखा हुआ है तुमने??
- 50 बच्चे भी हो गये तो 50*1000 = 50,000 हो जाएँगे
- 1000 कों देगा..
- 800 तो देगा.
- 50 बचे कहाँ से आएँगे
- तुम मुझसे प्यार करती हो
- पर कुछ तो सोचो
- अगर हाँ तो 50 बच्चे कोई बड़ी बात नही है 100 भी आएँगे
- 3:30 की ट्रेन है न्यू देल्ही से॥
-भागते वो हैं जो कायर होते हैं, मुसीबत का सामना नही कर पाते
- हाँ ये बात तो है
-खैर
-मुझे कल्पना चावला की याद आ रही है
-मुझे भी
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8 comments:
aaj to Kalpna chawala ko yaad karne ka hi din hai. iske baad chandigharh ka programme bane to zaroor batana...
अरे ....कल्पना चावला आ गयी बीच में ही ....हम तो आपके गाडी पकडने का इंतजार कर रहे थे...
अरे जल्दी से भागो, कल्पना चावला नही रोकने वाली तुम्हे,ओर गाडी भी लेट नही, अजी देर किस बात की...
bahut achhe...
This poem is not as good as earlier ones. It seems to be that it is not by you or you didn't wrote it in a mood. Anyways keep goin.
Prasant ji, accha laga bilkul alag hat k kuch nya padhne ko mila.....pr sach much mat bhag jaiyega ...... wahaan to lakhon bhi kum pad jayegen....!!
very god presentation! :)
Kuch alag hai..........sachaayi k bhut nazdiiik .lagta hai..............jaise chahte ho k koi ye padhe aur tumhare saath bhag chale...................
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