कैसे लिखूं मै

मुझे लिखने का बहुत शोक है
और ये शोक छुट्टी के दिन और भी बढ़ जाता है
कभी सोचता हूँ मोसम के बारे में लिखूंगा
पर
"ठंडी हवा के झोखे दिल को छू गए"
के बाद क्या लिखा जाना होता है, समझ नही आता

फिर सोचता हूँ कि आतंकवाद, नेता, राजनीती, गरीब के ऊपर लिखूंगा
पर अपनी उमर का लिहाज करता हूँ
फिर टुटा हुआ दिल बचता है
पर उस पर ही कितना लिखूं
टूटे दिल और चाँद को छोड़ दिया जाए तो लिखने के लिए बहुत कम मैटर बचता है

शेर ओ शायरी कर नही पाता क्योकि आती नहीं और उर्दू के १०-२० शब्द ही आते हैं
माँ के ऊपर भी क्या लिखूं इतनी अकल नही आई है अभी की इतने सीरियस टोपिक पे कुछ लिख सकूँ
बेटी के ऊपर लिख नही सकता अभी सोच उतनी परिपक्व नही हुई
और लोग शक करने लगेंगे
और बाप बेटे जैसे बोरिंग सब्जेक्ट के ऊपर कोई लिखता नही

बचता ये है :
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उधार के सपने लिए और
हवाओ से बाते की
और
उसके
दिए पंखो
से उडा भी मै
पर
दोस्ती और प्यार में फर्क होता है

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मेरे
और तेरे बीच
कुछ न कुछ तो था ही
वर्ना
लोग
बिना मतलब
इतना परेशान नहीं होते

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देखते ही चाँद के साथ हो लिया
आवारा तो था मेरा दिल
पर इतना होगा
इसका अहसास नहीं था

शेर

करोलबाग के नज़ारे ना होते , चांदनी चोक के सितारे ना होते
दिल्ली की लड़की फैशन ना करती तो NCR के लड़के आवारे ना होते

तुम बिन

तुम बिन
अधूरी सारी बातें
सूनी रातें
इकहरे सपने
बेगाने लगते अपने
सरसों के खेत
भी लगे जैसे
रेगिस्तान की रेत
दिल जले रत्ती रत्ती
जैसे मोमबत्ती
एक ही दिल था
एक ही सपना
दिल भी टूटा
सपना भी
कोई कहता है
सपने देखना अच्छा होता है
मैंने सपना देखा
टूटे हुए सपनो के साथ जीना आसान है
टूटे हुए सपने के साथ जीना मुश्किल
अचानक टूटे दिल का दर्द
समय के साथ बढ़ता है

प्यार का हो जाना किसी जीत से कम नही होता

मैंने लगाये पूछने में २ साल
उसने लगाये बताने में २ दिन
फास्ट ट्रैक में चला अपना केस
मै हार गया
वो जीत गया
अन्तर बस इतना था
उसने दिमाग और मैंने सुनी थी
दिल की बात
पर मै हार कर भी जीत गया
प्यार का हो जाना किसी जीत से कम नही होता

शादी करवाने वाली साइटें

मै पिछले दिनों से काफी बिजी था
कारण था शादी करवाने वाली साइट्स के बारे में पता कर रहा था
काफी interesting अनुभव रहा काफी कुछ पता चला
मैंने भी अपनी profile बना ली है पर लग रहा है की काफी देर कर दी वरना जिस तरह से रेस्पोंस मिल रहा है उसे देखकर तो लगता है की अब तक न जाने कब की हो जाती खैर
पहले जो काम मामा या रिश्तेदार करवाते थे वो अब ये लोग करवा रहें हैं
कैसा जमाना आ गया
वैसे काम अच्छा है पर कुछ साइटें पैसे मांगती हैं तभी आपका contact visible होता है
पर मै आपको कुछ तरकीब बताऊंगा जिससे आप भी इन साइट्स का फायदा फ्री में उठा सकते हैं (अगर चाहते हैं तो)
आइये एक एक करके बात करते हैं
  1. shaadi.com:
    अच्छी साईट है . फ्री में आप अपना प्रोफाइल बना सकते हैं और contact में email इस तरह से दे सकते हैं > अगर आपका ID gmail पर है तो xyz AT g mail . क्योकि अगर आप सीधे सीधे xyz@gmail.com लिखेंगे तो वो accept नही होता है
    ठीक इसी तरह आप अपना फ़ोन नम्बर भी दे सकते हैं क्योकि digits accept नही होती सो अगर आपकानम्बर 955008749212 है तो इस तरह दीजिये > nine five five zero zero eight seven four nine two one two
2. shadi.com: बस एक a का अन्तर है साईट कुछ ख़ास नही है पर रेस्पोंस आ जाते हैं इस पर भी ऊपर दी गई तरकीप से contact visible बनाया जा सकता है

3. jeevansathi.com: बहुत अच्छी साईट है पर उतनी ही restrictions . किसी भी तरह से इस साईट पर अपना contact या ईमेल फ्री में नही डाला जा सकता हाँ अगर कोई पेड मेंबर (paid, आम के पेड़ वाला पेड़ नही ) है तो वो आपसे contact कर सकता है आपको कुछ नही pay करना पड़ेगा

4. bharatmatrimonial.com:
ये भी अच्छी साईट है काफी रेस्पोंस आ जातें हैं इस पर ईमेल डाला जा सकता है पर address के बीच में space डालना पड़ता है पर ये gmail और yahoo की ID नही लेता तो आपको किसी कम famous साईट की ID देनी होगी जैसे अभी एक in.com आई है उसकी दे सकते हैं Ex xyz at in dot com

5. simplymarry.com: उतनी अच्छी नही है पर इसकी searching बहुत अच्छी है । फ्री मेम्बर्स के लिए कुछ नही है पर पेड मेंबर फ्री वालों को contact कर सकते हैं

6. 4jat.com: ये साईट केवल जाटों के लिए है सब कुछ फ्री है कोई पेड वेड का चक्कर नही प्रोफाइल बनाओ और शुरू हो जाओ contact और फ़ोन नम्बर भी visible रहते हैं

with best wishes

आज दिल काफी उदास है कारण बंदरो ने मेरी एक जींस फाड़ दी
कुछ चीजें, कुछ लोग जिन्दगी में ख़ास होती है
वो उन्ही में से एक थी
काफी physical, spritual, mental and emotional proximity थी मेरी उसके साथ
और ख़ास बात ये की धोई भी आज ही थी
ख़ैर जो होना था हो गया

अंत में

बन्दर के लिए
क्या मिला तुझको करके एसा पाप
कर न पाउँगा मै तुझको कभी माफ़
बढ़ा दी क्यूँ तूने मेरी उससे दूरी
एसी क्या थी सामने तेरे मजबूरी

काफी है न या और लिखूं कुछ

उधर क्या देख रहे हो

उधर क्या देख रहे हो
धूप निकली है या नही
या फिर कुछ और